Thursday, March 19, 2009

तो क्या बात है

किताबों के पन्नो को पलट के सोचती हु,यूं पलट जाए मेरी ज़िन्दगी तो क्या बात है ।
सपनो में रोज मिलता है जो,हकीकत में भी आए तो क्या बात है
कुछ मतलब के लिए जो ढूते है मुझको ,बिन मतलब वो आए तो क्या बात है
कत्ल करके तो सब ले जायेंगे दिल मेरा ,कोई बातों से ले जाए तो क्या बात है।
शरीफों की शराफ्हत में जो बात हो,कोई शराबी कह जाए तो क्या बात है
अपने रहने तक तो खुशी देंगे सबको, जो किसी को मेरी मौत पे खुशी मिल जाए तो क्या बात है

Read this touching piece in inbox of a friend.........

3 comments:

सखी said...

कुछ मतलब के लिए जो ढूढते है मुझको ,बिन मतलब वो आए तो क्या बात है ।
कत्ल करके तो सब ले जायेंगे दिल मेरा ,कोई बातों से ले जाए तो क्या बात है।.........

Is this your creation???? matlab I'm not shocked but it is surprising indeed!!
Wonderful, awesome!!
Something really coming out from within and I must say this was the best expression of it!!
U to 'rockin' yaar!

Rashmi Jain said...

thanks for the comment but it's not me dear,u didn't noticed the line in the end that i read this in message inbox of a friend........

the lonely wanderer said...

hey nice pst..i liked it...
its a hrt touchng ne...keep it up